The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

Chalisa can be a forty-verse prayer committed to a certain Hindu God or Goddess. The verses of a Chalisa glorify the acts and deeds on the deities. It is made up of verses praying for the Lord for ending sorrow in our life and provides peace, health and fitness, and prosperity.

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से Shiv chaisa मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

लिङ्गाष्टकम्

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